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किसी भी विषय का अध्यन करने के लिए भाषा का ज्ञान होना आवश्यक है। हमारे देश की सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा हिंदी है हिंदी भाषा की सबसे छोटी इकाई वर्ण है।
आज का समय इन्टरनेट का है , और इन्टरनेट पे शिक्षा के विस्तृत विकल्प मौजूद हैं। बहोत से छोटे विद्यार्थी जो अभी प्रारंभिक कक्षाओं में होते हैं। और ऐसे विद्यार्थी जो किसी सरकारी नौकरी या प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे होते हैं।
ऐसे विद्यार्थियों द्वारा अक्सर इन्टरनेट पे हिंदी वर्णमाला (hindi varnamala) , स्वर किसे कहते हैं (swar in hindi) , और व्यंजन किसे कहते हैं (vyanjan in hindi) इत्यादि के विषय में सर्च करते हैं। आज का हमारा यह ब्लॉग पोस्ट इन्हीं सभी विषयों पे आपको विस्तृत जानकारी देने के लिए है।
वर्णमाला के विषय में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने से पहले हम ये जानेंगे की वर्णमाला क्या है (hindi ki varnamala)।
अपने दैनिक जीवन में बोल - चाल के लिए हम जिस हिंदी भाषा का प्रयोग करते हैं , उसमे प्रयोग होने वाले शब्दों की सबसे छोटी इकाई वर्ण होती है।
वर्णों के प्रयोग से ही शब्दों का निर्माण होता है। हिंदी भाषा में अनेक प्रकार के वर्ण हैं । वर्णों के समूह को ही वर्णमाला कहते हैं।
वर्णमाला क्या है इसे तो आप ने जान ही लिया है परन्तु इसके अतिरिक्त वर्णमाला की परिभाषा को भी जानना आवश्यक होता है। क्यूंकि अधिकतर परीक्षाओं में वर्णमाला की परिभाषा (varnamala ki paribhasha) पूछी जाती है।
इस लिए अब हम वर्णमाला की संक्षिप्त परिभाषा को भी जानेंगे -
हिंदी व्याकरण में वर्णों के समूह को वर्णमाला कहते हैं।
हिंदी व्याकरण में उपयोग के आधार पे वर्णमाला के मुख्यतः दो प्रकार होते हैं -
हिंदी व्याकरण में जिन भी शब्दों का प्रयोग किया जाता है , उनका निर्माण स्वर और व्यंजन वर्णों के सहयोग से होता है। स्वर ऐसे वर्ण होते हैं जिनके उच्चारण के लिए किसी अन्य वर्ण के उपयोग करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
स्वर वर्णों का उच्चारण स्वतन्त्र रूप से किया जाता है। किसी भी व्यंजन वर्ण का उच्चारण बिना स्वर के प्रयोग के नहीं किया जा सकता है।
हिंदी व्याकरण में स्वर कितने होते हैं इसे लेकर भी विद्यार्थियों के मन में संशय रहता है। आज हम आपको इसी के विषय में ही बताएँगे की वास्तव में स्वरों की संख्या कितनी होती है।
हिंदी वर्णमाला में कुल स्वरों की संख्या 13 होती है । परन्तु , यदि हम इनमे से अनुस्वार और विसर्ग (अं और अः) को अलग कर दे तो स्वरों की संख्या सिर्फ 11 हो जाती है।
अ |
आ |
इ |
ई |
उ |
ऊ |
ऋ |
ए |
ऐ |
ओ |
|
औ |
अं |
अः |
|
दोस्तों हिंदी व्याकरण में व्यंजन का योगदान बेहद महत्वपूर्ण है। व्यंजन से ही शब्दों का निर्माण होता है। अब हम जानेगे की hindi vyanjan क्या होते हैं।
हिंदी व्याकरण में ऐसे वर्ण जिनके उच्चारण में या जिन वर्णों से शब्द निर्माण में स्वर की आवश्यकता होती है , ऐसे वर्णों को व्यंजन वर्ण कहते हैं।
हिंदी भाषा में व्यंजन वर्ण बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। व्यंजन वर्णों एवं स्वर के संयोग से ही हिंदी शब्दों का निर्माण होता है , एवं हिंदी शब्दों से ही हिंदी भाषा का निर्माण होता है।
हिंदी व्याकरण में व्यंजन वर्णों की संख्या कितनी होती है , इसे लेकर भी विद्यार्थियों के मन में संदेह बना रहता है। आज हम आपको बताएँगे की व्यंजन वर्ण वास्तव में कितने होते हैं।
हिंदी व्याकरण में व्यंजन की संख्या 39 होती है। जिनमे मूल व्यंजन (क से ह तक) की संख्या - 33 , संयुक्त व्यंजन (क्ष , त्र , ज्ञ , श्र) की संख्या - 4 एवं अतिरिक्त व्यंजन (ड़ , ढ ) की संख्या - 2 होती है।
क |
ख |
ग |
घ |
ड़ |
च |
छ |
ज |
झ |
|
ट |
ठ |
ड |
ढ |
ण |
त |
थ |
द |
ध |
न |
प |
फ |
ब |
भ |
म |
य |
र |
ल |
व |
स |
ष |
श |
ह |
क्ष |
त्र |
ज्ञ |