दोस्तों , आज का हमारा यह ब्लॉग बेहद महत्वपूर्ण है , क्योंकि आज हम इन्टरनेट की दुनिया की सबसे लोकप्रिय और बड़ी कम्पनी गूगल (Google) के विषय में बात करने वाले हैं।
आज इस ब्लॉग के माध्यम से हम जानेंगे गूगल का सीइओ कौन है (google ka CEO kaun hai) , गूगल क्या है (google kya hai) , गूगल का फुल फॉर्म (google ka full form) इत्यादि सवालों के विषय में।
आज जिस समय में आप यह ब्लॉग पढ़ रहे हैं , उस समय में गूगल का परिचय कराने की आवश्यकता नहीं है । हम सबको पता है की गूगल की मदद से हम इन्टरनेट से जानकारियाँ (information) को प्राप्त करते हैं।
आज के समय में गूगल एक मल्टीनेशनल कम्पनी है । गूगल अब ना सिर्फ सर्च इंजन बल्कि इसके आलावा अन्य बहोत सी सर्विसेस उपलब्ध कराता है । गूगल की शुरुवात तो एक सर्च इंजन के रूप में ही हुयी थी।
परन्तु समय के साथ - साथ गूगल बहोत से नए - नए उत्पादों की शुरुआत करता रहा और आज गूगल दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बन चूका है। गूगल ने अपने सर्च इंजन को इतना एडवांस बना दिया है की गूगल सर्च इंजन आज के समय में दुनिया का सर्वश्रेष्ट सर्च इंजन है।
गूगल का फुल फॉर्म (google ka full form) या बहोत से लोगो का ये सवाल रहता है की गूगल का पूरा नाम क्या है (google ka matlab kya hota hai) इत्यादि।
Google Ka Full Form - Global Organization of Oriented Group Language of Earth
अब हम गूगल का फुल फॉर्म (google ka ful form) को हिंदी में देखेंगे
गूगल का फुल फॉर्म - ग्लोबल आर्गेनाइजेशन ऑफ़ ओरिएंटेड ग्रुप लैंग्वेज ऑफ़ अर्थ
अब तक आप ने गूगल के फुल फॉर्म को देखा परन्तु आप को सुन कर थोडा अजीब जरुर लगेगा की ये फुल फॉर्म गूगल का ऑफिसियल फुल फॉर्म नहीं है अर्थात गूगल इस प्रकार के किसी फुल फॉर्म को नहीं मनाता है परन्तु यह फुल फॉर्म काफी प्रचलित है।
गूगल एक बड़ी कम्पनी होने के साथ ही साथ एक लोकप्रिय सर्च इंजन (Search Engine) भी है । लोग गूगल सर्च इंजन को गूगल के नाम से जानते हैं । इस लिए लोगों का ये सवाल रहता है की गूगल की खोज किसने की (google ki khoj kisne ki) या (google ko kisne banaya) इत्यादि ।
गूगल का अविष्कार लैरी पेज (Larry Page) और सर्गी ब्रिन (Sergey Brin) नाम के दो छात्रों द्वारा 1996 को एक रिसर्च प्रोजेक्ट्स के तौर किया गया जो की उस समय स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पीएचडी के छात्र थे।
आपको जान कर हैरानी होगी की जब गूगल सर्च इंजन (Google Search Engine) को बनाया गया तब इसका कोई डोमेन नाम (Domain Name) नहीं था , इस सर्च इंजन को स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की वेबसाइट के सबडोमेन google.stanford.edu और z.stanford.edu के माध्यम से उपयोग किया जाता था।
google.com डोमेन नाम को सितम्बर 1997 को रजिस्टर किया गया।
गूगल (Google) के सीइओ (CEO) सुन्दर पिचाई हैं , जो की मूल रूप से भारतीय ही हैं। सुन्दर पिचाई ने सन 2004 में गूगल में कार्य करना प्रारम्भ किया , अगस्त 2015 को सुन्दर पिचाई गूगल के सीइओ (CEO) बने।
2017 में सुन्दर पिचाई ने गूगल की पैरेंट् कंपनी अल्फाबेट (Alphabet inc) के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स को जॉइन किया।
सन 2004 में गूगल के निर्माताओं लैरी पेज और सर्गी ब्रिन ने इसे पब्लिक कर दिया अर्थात अब गूगल का मालिक कोई एक व्यक्ति नहीं था , बल्कि इसके कई सारे शेयरहोल्डर हो गए। सन 2015 में गूगल ने अल्फाबेट (Alphabet Inc.) नामक अपनी एक पैरेंट कंपनी बनायीं और अपने सभी प्रोजेक्ट्स को इसके अंतर्गत का दिया।
गूगल के शेयरहोल्डर में सबसे ज्यादा शेयर लैरी पेज और सर्गी ब्रिन के पास है। गूगल के सबसे ज्यादा शेयर इनके पास होने के कारण लैरी पेज और सर्गी ब्रिन को गूगल का मालिक भी कहा जा सकता है ।
अब हम गूगल के कुछ प्रमुख उत्पादों के विषय में जानेंगे।
दोस्तों , आप सभी गूगल क्रोम को तो जानते ही होंगे यह गूगल द्वारा बनाया गया एक वेब ब्राउज़र है । क्रोम ब्राउज़र का निर्माण कार्य 2006 से ही प्रारम्भ हो गया था जिसका नेतृत्व सुन्दर पिचाई ने किया ।
सन 2008 में गूगल ने अपने क्रोम वेब ब्राउज़र को लॉन्च किया । गूगल क्रोम आज के समय में सभी एंड्राइड ऑपरेटिंग सिस्टम में एक डिफ़ॉल्ट वेब ब्राउज़र है ।
जीमेल (Gmail) भी गूगल द्वारा प्रदान की जाने वाली एक मुफ्त सर्विस है । जिसके माध्यम से संदेशों को एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति तक भेजा जाता है । आज के समय में संदेशों का आदान प्रदान करने के लिए जीमेल सेवा का उपयोग बहोत कम ही किया जाता है ।
सन 2004 में जीमेल (Gmail) को गूगल द्वारा बनाया गया था । शुरवाती दौर में जीमेल में उप्योगाकर्ताओं के लिए 1 गीगाबाइट (1 GB) की संग्रह क्षमता मिलती थी जिसे अब 15 गीगाबाइट (15 GB) तक कर दिया गया है ।
आज के समय में स्मार्टफ़ोन में सबसे ज्यदा उपयोग होने वाला ऑपरेटिंग सिस्टम एंड्राइड (Android) है। अक्टूबर , सन 2003 में कलिफ़ोर्निया के पाल आल्टो नामक शहर में एंडी रुबिन , रिच माईनर , निक सियर्स और क्रिस वाइट ने मिलकर एंड्राइड कारपोरेशन की स्थापना की ।
अगस्त 2005 में गूगल द्वारा एंड्राइड का अधिग्रहण कर लिया गया अर्थात गूगल ने एंड्राइड को खरीद लिया। तब से आज तक गूगल ही एंड्राइड का विकास करता आ रहा है।